जयपुर: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने ईआरसीपी (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना) और अंबेडकर जैसे अहम मुद्दों पर बीजेपी और RSS की विचारधारा पर सवाल उठाए। गहलोत ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी को न तो संविधान पर विश्वास है और न ही डॉ. अंबेडकर पर। उनका कहना था कि यह साबित हो चुका है कि आरएसएस के प्रमुख ने कभी संविधान को मानने से ही इनकार किया था।
इस दौरान गहलोत ने ईआरसीपी प्रोजेक्ट पर भी कड़ा बयान दिया। उन्होंने पीएम मोदी के पीकेसी-ईआरसीपी नामक परियोजना के नाम बदलने और समझौते को गुप्त रखने के मुद्दे पर सवाल उठाए। गहलोत ने पूछा कि “ईआरसीपी का समझौता गुप्त क्यों रखा गया? क्या इसमें राजस्थान के हितों की रक्षा हो रही है?” उन्होंने कहा कि पानी की समस्या स्वतंत्रता के बाद से बनी हुई है और प्रदेशवासियों को यह चिंता है कि इस समझौते में क्या सही तरीके से उनका हित संरक्षित हो रहा है या नहीं। गहलोत ने यह भी कहा कि सिर्फ शिलान्यास से कुछ नहीं होगा, बल्कि समझौते के विवरण को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। अशोक गहलोत ने इस दौरान भांकरोटा टैंकर ब्लास्ट हादसे पर भी दुख व्यक्त किया और सरकार से इस तरह की घटनाओं से सबक लेने की अपील की। उन्होंने गायक अभिजीत के महात्मा गांधी पर दिए बयान को ‘सिरफिरा’ करार दिया। गहलोत ने बीजेपी से यह सवाल भी पूछा कि अंबेडकर के लिए उन्होंने क्या किया है, जबकि कांग्रेस ने उन्हें संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया। उन्होंने कहा, “इन लोगों का विश्वास न अंबेडकर पर था, न संविधान पर।