राजस्थान के कीरतपुरा में हुए बोरवेल हादसे ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। इस दुखद घटना में मासूम चेतना की जान चली गई, जिसने सभी को गहरे शोक में डाल दिया। पावटा में नम आंखों के साथ सैकड़ों लोगों ने चेतना को अंतिम विदाई दी। हादसा तब हुआ जब चेतना खेलने के दौरान कीरतपुरा में खुले पड़े बोरवेल में गिर गई। प्रशासन और रेस्क्यू टीम ने कई घंटों तक मासूम को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए, लेकिन दुर्भाग्यवश उसे बचाया नहीं जा सका। चेतना के निधन की खबर ने परिवार और गांववालों को गहरे दुख में डाल दिया।
पावटा में जब चेतना का अंतिम संस्कार किया गया तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम थीं। गांव के लोग इस मासूम के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करने के लिए बड़ी संख्या में एकत्र हुए। सभी ने चेतना के परिवार को सांत्वना दी और इस दर्दनाक घटना को याद करते हुए सरकार से ऐसे हादसों को रोकने के लिए कदम उठाने की मांग की। परिवार ने इस घटना को अपने जीवन का सबसे बड़ा नुकसान बताया। चेतना के पिता ने कहा कि उनकी बेटी बेहद होनहार और खुशमिजाज थी। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं ताकि किसी और परिवार को ऐसा दुख ना झेलना पड़े। इस हादसे ने बोरवेल सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और बोरवेल के खुला छोड़े जाने पर सख्ती बरतने की बात कही है। प्रशासन ने बोरवेल मालिकों को जल्द से जल्द उन्हें बंद करने का निर्देश दिया है। चेतना के दुखद निधन ने पूरे गांव को शोक में डाल दिया है और यह हादसा समाज के लिए एक चेतावनी बन गया है कि ऐसी लापरवाहियों से बचने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं।