गणतंत्र दिवस से ठीक पहले, असम के ढेकियाजुली के हुगराजुली क्षेत्र के खाबला गांव के एक रबर बागान में विस्फोटक सामग्रियां मिलने से हड़कंप मच गया है। जमीन में गाड़े गए हालत में 5 हैंड ग्रेनेड, 3 डेटोनेटर और बम बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बरामद किए गए हैं। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय निवासियों ने रबर बागान में संदिग्ध गतिविधियों को देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने मौके पर पहुंचकर इलाके को घेर लिया। सतर्कता के साथ की गई खुदाई के दौरान विस्फोटक सामग्रियां बरामद की गईं।
जांच के दौरान 5 हैंड ग्रेनेड, 3 डेटोनेटर और बम बनाने में उपयोग होने वाले अन्य उपकरण बरामद किए गए। पुलिस ने सभी सामग्री को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इन विस्फोटकों को वहां क्यों छिपाया गया था और इसका उद्देश्य क्या था।
इस घटना ने खाबला गांव और आसपास के इलाकों में डर और चिंता का माहौल बना दिया है। निवासियों का कहना है कि रबर बागान जैसे शांतिपूर्ण इलाके में इस तरह की गतिविधियां बेहद चिंताजनक हैं। उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है।
सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। आसपास के क्षेत्रों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि और कहीं इस तरह की सामग्री छिपाई न गई हो।
असम लंबे समय से उग्रवादी गतिविधियों और सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों का सामना करता रहा है। हाल के वर्षों में स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा एजेंसियों को अभी भी सतर्क रहना होगा।
गणतंत्र दिवस के ठीक पहले इस तरह की घटना का सामने आना सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक गंभीर चेतावनी है। इससे यह भी पता चलता है कि असम में अभी भी उग्रवादी गतिविधियों की संभावना पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह घटना एक महत्वपूर्ण सबक है, जिससे उन्हें सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में काम करना होगा।
इस घटना ने स्थानीय लोगों में डर का माहौल बना दिया है, और उनकी मांग है कि ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच एजेंसियां इस मामले को किस तरह सुलझाती हैं और इसके पीछे के दोषियों को पकड़ने में कितनी सफल होती हैं।
विशेष रिपोर्ट
पंकज कुमार नाथ (शोणितपुर, असम)
तारीख: २५/०१/२०२५