रायगढ़, 7 फरवरी 2025 – भारत की अग्रणी हरित ऊर्जा कंपनियों में से एक जिन्दल न्यूक्लियर पावर प्राइवेट लिमिटेड ने वर्ष 2047 तक 18 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता विकसित करने का ऐलान किया है। यह घोषणा भारत सरकार के 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा लक्ष्य के अनुरूप है और देश की कार्बन-डाई-ऑक्साइड मुक्त ऊर्जा व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
जिन्दल न्यूक्लियर का महत्वाकांक्षी मिशन:
✅ बीओटी प्रणाली के तहत अत्याधुनिक परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण और संचालन।
✅ स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) और जेनरेशन-4 रिएक्टर जैसी नई तकनीकों का उपयोग।
✅ परमाणु ऊर्जा के जरिए 24×7 स्वच्छ और विश्वसनीय बिजली की आपूर्ति।
✅ उद्योगों और अर्थव्यवस्था के सतत विकास में योगदान।
परियोजना के लाभ:
🔹 हरित ऊर्जा स्रोतों का विस्तार – कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी।
🔹 रोजगार के नए अवसर – निर्माण, संचालन और सहायक क्षेत्रों में हजारों नौकरियां पैदा होंगी।
🔹 स्थानीय विकास को बढ़ावा – शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में निवेश किया जाएगा।
जिन्दल न्यूक्लियर के वरिष्ठ सलाहकार और पूर्व एनपीसीआईएल अध्यक्ष एस.के. शर्मा ने कहा,
“भारत सरकार की 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा लक्ष्य की योजना दूरदर्शी है। जिन्दल न्यूक्लियर इसमें 18 गीगावाट योगदान देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”
भारत में निजी क्षेत्र द्वारा परमाणु ऊर्जा में पहली बार इतनी बड़ी भागीदारी की घोषणा की गई है। यह पहल देश के ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण अनुकूल विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती है|