कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी तीन वर्षीय चेतना तक पहुंचने के लिए अब सिर्फ 1.5 फीट चट्टान काटनी बाकी है। कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने भरोसा जताया है कि टीम रात तक चेतना तक पहुंच जाएगी। यह रेस्क्यू ऑपरेशन राजस्थान का सबसे कठिन बचाव अभियान बताया जा रहा है।
कोटपूतली में तीन वर्षीय बच्ची चेतना 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी हुई है। रेस्क्यू टीम अब उसके बेहद करीब है। कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने जानकारी दी कि केवल डेढ़ फीट चट्टान को ड्रिल करना बाकी है, जिसके बाद चेतना तक पहुंचा जा सकेगा। NDRF के जवानों ने सोमवार सुबह तक 7 फीट टनल की खुदाई पूरी कर ली थी।
रेस्क्यू में आ रही चुनौती:
चट्टान का कठोर होना बचाव कार्य में बड़ी बाधा बना हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि 1 घंटे में केवल 2-4 इंच ही ड्रिल हो पा रही है। इसके बावजूद, टीम ने भरोसा दिलाया है कि बच्ची तक रात तक पहुंचने की संभावना है।
23 दिसंबर को हुआ हादसा:
23 दिसंबर की दोपहर चेतना खेलते समय 170 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी। हादसे के बाद से उसे पानी या भोजन नहीं मिल पाया है। बारिश और बोरवेल की संकरी स्थिति ने बचाव कार्य में और बाधाएं डाली हैं। मंगलवार (24 दिसंबर) से चेतना में कोई मूवमेंट नहीं देखा गया है।
कलेक्टर का बयान:
कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने इसे राजस्थान का अब तक का सबसे कठिन रेस्क्यू ऑपरेशन बताया है। उन्होंने कहा कि टीम दिन-रात मेहनत कर रही है और जल्द ही चेतना को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।