युवा लेखकों को प्रेरित करने और देश के आर्थिक व सामाजिक परिदृश्य को आकार देने में रतन टाटा की परिवर्तनकारी भूमिका को दस्तावेज़ रूप में प्रस्तुत करने के उद्देश्य से, नमो केंद्र ने “रतन टाटा छात्रवृत्ति” शुरू करने की घोषणा की है। यह छात्रवृत्ति उन लेखकों के लिए है जो दिवंगत उद्योगपति रतन नवल टाटा के जीवन, उनकी उपलब्धियों और विरासत पर किताबें लिखने के इच्छुक हैं।

नमो केंद्र के अध्यक्ष प्रो. जसीम मोहम्मद ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य रतन टाटा के जीवन और कार्यों पर उच्च गुणवत्ता वाला, शोधपरक साहित्य तैयार करना है। इसके साथ ही, यह युवा लेखकों और शोधकर्ताओं को उनके योगदान के बहुआयामी पहलुओं को समझने और प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करेगा।
उन्होंने कहा, “रतन टाटा का नेतृत्व केवल व्यावसायिक क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बुनियादी ढांचा और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में भी उनका योगदान प्रेरणादायक है। इस छात्रवृत्ति के माध्यम से लेखकों को उनके जीवन और मूल्यों पर आधारित सार्थक लेखन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।”
इस छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत रतन टाटा की उल्लेखनीय यात्रा पर केंद्रित दो पुस्तकें लिखी जाएंगी—एक हिंदी में और एक अंग्रेजी में। चयनित लेखकों को 50 हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। नमो केंद्र ने लेखकों से उनके प्रस्तावित पुस्तकों के सारांश आमंत्रित किए हैं, जिनका चयन उच्च गुणवत्ता और प्रासंगिकता के आधार पर किया जाएगा।