📍 बद्दी, 8 फरवरी – हिमाचल प्रदेश के दून विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले साइन क्षेत्र में पशु चिकित्सालय की मांग को लेकर ग्रामीणों में रोष है। यह क्षेत्र लगभग पांच पंचायतों का केंद्र है और आसपास की 45 पंचायतों के किसान एवं पशुपालक यहां निवास करते हैं। इनका मुख्य व्यवसाय कृषि और पशुपालन है, लेकिन लंबे समय से पशु चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण स्थानीय लोगों को बद्दी या नालागढ़ जाना पड़ता है, जिससे उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
सरकार पर भेदभाव का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि पिछली सरकार ने यहां पशु चिकित्सालय की स्वीकृति दी थी, लेकिन नई सरकार द्वारा इसे डी-नोटिफाई कर दिया गया। हाल ही में प्रदेशभर में कई अन्य योजनाओं को फिर से लागू किया गया, लेकिन इस क्षेत्र की मांग को नजरअंदाज कर दिया गया।
शिव मंदिर कमेटी के मुख्य सलाहकार सूबेदार मेजर मीकाराम का बयान:
💬 “हमारी क्षेत्र की जनता लंबे समय से पशु चिकित्सालय की मांग कर रही है। जब अन्य क्षेत्रों में सभी योजनाएं बहाल कर दी गई हैं, तो हमारे क्षेत्र के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है? हम प्रदेश सरकार और विधायक रामकुमार से निवेदन करते हैं कि जल्द से जल्द पशु चिकित्सालय की सुविधा बहाल की जाए, ताकि ग्रामीणों और पशुपालकों को राहत मिल सके।”