बाबरा में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई संत रविदास जयंती
ब्यावर, बाबरा: बाबरा में संत रविदास महाराज की 648वीं जयंती बड़ी श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाई गई। इस अवसर पर समाज के गणमान्य लोगों ने उनके जीवन, विचारों और समाज में किए गए सुधारों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मौजूद समाज बंधुओं ने संत रविदास के भक्ति आंदोलन में दिए गए योगदान को याद करते हुए उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
संत रविदास भक्ति आंदोलन के प्रसिद्ध संतों में से एक थे। उनके भजन और रचनाएं समाज में भक्ति भाव जगाने और समानता का संदेश देने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने जाति-पाति के भेदभाव को समाप्त करने की दिशा में कार्य किया और लोगों को प्रेम, एकता, और भक्ति का मार्ग दिखाया। उनके प्रसिद्ध दोहे और उपदेश आज भी समाज को नई दिशा देते हैं।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने संत रविदास की शिक्षाओं पर विचार रखते हुए कहा कि उनका प्रसिद्ध कथन “मन चंगा तो कठौती में गंगा” आज भी प्रासंगिक है। इस दौरान समाज बंधु प्रहलाद मोसलपुरिया, ताराचंद मौर्य, किशोर मौर्य, दुलाराम, भगवानदास मौर्य, दिलीप मोसलपुरिया, बंसीलाल मौर्य सहित कई अन्य प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे।
समाज के लोगों ने संत रविदास के दिखाए मार्ग पर चलने और समाज में समानता एवं सौहार्द बनाए रखने का संकल्प लिया। इस अवसर पर भजन संध्या का आयोजन भी किया गया, जिसमें संत रविदास के भजन प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण किया गया और सभी ने मिलकर संत रविदास जी की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाने का प्रण लिया। इस जयंती के आयोजन ने समाज में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया।