जयपुर समाचार: भांकरोटा क्षेत्र में हुए भीषण अग्निकांड में मृतकों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। बीते 48 घंटों में 6 मरीजों ने एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। गुरुवार को 60% झुलसे लालाराम और भीलवाड़ा निवासी 35 वर्षीय बंसीलाल ने इलाज के दौरान अपनी जान गंवा दी। हादसे में अब भी 8 मरीजों का इलाज जारी है, जिनमें से 3 की स्थिति गंभीर बनी हुई है। इन मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है। डॉक्टरों के अनुसार, झुलसे हुए मरीजों की मौत का मुख्य कारण शरीर में संक्रमण फैलना है। एसएमएस अस्पताल के डॉ. आरके जैन ने बताया कि झुलसने से शरीर में प्रोटीन और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इस कारण कई मरीजों की जान चली जाती है।
कैसे हुआ हादसा?
20 दिसंबर को जयपुर के भांकरोटा क्षेत्र में गैस टैंकर में विस्फोट हुआ, जिसने दर्जनों वाहनों और राहगीरों को अपनी चपेट में ले लिया। जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुए इस हादसे ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। एनएचएआई के नियमों के अनुसार, हाईवे पर 2 किलोमीटर की दूरी पर कट या यू-टर्न होना चाहिए, लेकिन मनमानी तरीके से बनाए गए कट और तिराहों के कारण हादसे होते हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने हादसे के लिए तेज गति और एनएचएआई की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने हाईवे पर अवैध कटों को हटाने और ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।
पीड़ित परिवारों की स्थिति:
हादसे में मारे गए लोगों के परिवार गहरे सदमे में हैं। यह दुर्घटना न केवल भयावह थी बल्कि इससे जुड़ी दर्दभरी कहानियां हर किसी को झकझोर रही हैं।