उदयपुर में आयोजित 37वीं डांगी-पटेल समाज खेलकूद प्रतियोगिता के समापन समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए धैर्य और अनुशासन अत्यंत आवश्यक हैं, और यही गुण खेलों में भी बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने खेलों को सामाजिकता, परिश्रम, अनुशासन और देशप्रेम का एक महत्वपूर्ण माध्यम बताया।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की खेलों के प्रति प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए कहा कि खेलों के प्रोत्साहन के लिए एक नई खेल नीति लाई जा रही है, जिसमें खेल-इन्फ्रास्ट्रक्चर, विज्ञान, विश्लेषण, परामर्श और पोषण का समावेश किया जाएगा। इसके अलावा, खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण और प्रोत्साहन देने का भी निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि “मिशन ओलंपिक्स” के तहत 50 प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को ओलिंपिक खेलों के लिए विश्व स्तरीय प्रशिक्षण, किट और कोचिंग उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही, केंद्र सरकार की “टारगेट ओलंपिक पोडियम (TOP)” योजना के तहत भी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने “एक जिला, एक खेल” योजना का भी उल्लेख किया, जिसके तहत प्रत्येक जिले में प्रचलित खेलों की अकादमी स्थापित की जाएगी। साथ ही, जयपुर में खिलाड़ियों के पुनर्वास के लिए 15 करोड़ रुपये की लागत से व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में ग्राम पंचायत स्तर पर ओपन जिम और खेल मैदान बनाए जा रहे हैं और खेल बजट को चरणबद्ध तरीके से दोगुना करने की योजना है।
मुख्यमंत्री ने राजस्थान के खिलाड़ियों की उपलब्धियों की सराहना की, खासकर पेरिस पैरालंपिक 2024 में राज्य के आठ खिलाड़ियों द्वारा जीते गए स्वर्ण और कांस्य पदक को लेकर। इन पदक विजेताओं को 5 करोड़ रुपये का चेक देकर सम्मानित किया गया।
उन्होंने युवाओं से मेहनत और समर्पण के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने की अपील की। समारोह में विधायक ताराचंद जैन, फूलसिंह मीणा, श्रीचंद कृपलानी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।