राजस्थान के कोटपूतली जिले में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी तीन साल की बच्ची चेतना को बचाने का अभियान तीसरे दिन भी जारी है। सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे खेलते समय चेतना 150 फीट की गहराई में फंस गई थी। उसे निकालने के लिए किए गए देसी जुगाड़ जैसे हुक लगाने और प्लान ए-बी विफल हो चुके हैं। अब दिल्ली से आई रैट माइनर्स की टीम अभियान में जुटी है, जिसने उत्तराखंड टनल हादसे में सफलतापूर्वक काम किया था बच्ची को बचाने के प्रयासों के बीच उसकी मां की हालत बिगड़ गई है। उन्होंने सोमवार से कुछ नहीं खाया और लगातार रोने के कारण उनकी तबीयत खराब हो गई। डॉक्टरों ने उन्हें ओआरएस का घोल और दवाएं दी हैं। बचाव दल ने बोरवेल में पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई है। कैमरे में बच्ची के हाथ हिलाने और रोने की आवाज रिकॉर्ड हुई है, लेकिन बोरवेल की संकरी जगह के कारण उसे खाना या पानी नहीं दिया जा सका। चेतना अपनी बड़ी बहन काव्या (9) के साथ घर के बाहर खेल रही थी, तभी पैर फिसलने से वह बोरवेल में गिर गई। बड़ी बहन की चीख सुनकर परिवार और पड़ोसी तुरंत मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। सरुण्ड थाना पुलिस और प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
घटना स्थल पर एंबुलेंस और जेसीबी मशीनें तैनात हैं। चेतना को निकालने का प्रयास युद्ध स्तर पर जारी है। कुछ हफ्ते पहले दौसा जिले में पांच वर्षीय आर्यन की भी बोरवेल में गिरने से मौत हो गई थी। प्रशासन ने इस बार पूरी कोशिश की है कि चेतना को सुरक्षित बचाया जा सके।