पट्टा बनवाने के लिए लोगों को जेडीए के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए जेडीए नई व्यवस्था शुरू करने जा रहा है।फाइल किस बाबू के पास है, इसकी जानकारी और उसे आगे बढ़ाने के लिए खुद आवेदक को जेडीए आकर धक्के खाने पड़ते हैं। यदि सब कुछ सही रहा तो जल्द ही आवेदकों को जेडीए में चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।ई-पट्टा बनकर जब तैयार हो जाएगा तो उसे आवेदक को बुलाकर सौंपा जाएगा। इसकी मानक ऑपरेटिंग प्रक्रिया (एसओपी) बनाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। माना जा रहा है कि राजस्थान में इस तरह का प्रयोग पहली बार होगा। जेडीसी आनंदी ने बताया कि प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। जेडीए अधिकारियों की मानें तो नए वित्तीय वर्ष यानी एक अप्रेल से इस प्रक्रिया की शुरुआत होगी।
इसलिए की जा रही कवायद
जेडीए के नाम से फर्जी पट्टों से भूखंडों के खरीद-बेचान के मामले आए दिन सामने आते हैं।जेडीए की ओर से ही जारी किए गए पट्टों में कांट-छांट व नाम बदलने और जेडीए के रिकॉर्ड में हेरा-फेरी के भी मामले सामने आए हैं।
293 लोगों को सह मांग पत्र जारी किए
जेडीए की अटल विहार और गोविन्द विहार आवासीय योजना के सफल आवंटियों के लिए नागरिक सेवा केन्द्र में 293 लोगों को सह मांग पत्र जारी किए गए। इन योजनाओं की मांग राशि जमा करवाने पर ई-पट्टा जारी किया जाएगा। जेडीसी आनंदी ने बताया कि पटेल नगर योजना में दस्तावेज परीक्षण के बाद सह मांगपत्र जारी करने के लिए 12 और 17 मार्च को नागरिक सेवा केंद्र में शिविर लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि राशि जमा करवाने के बाद जोन कब्जा पत्र और ई-पट्टा जारी करने की कार्रवाई करेगा।
इनको मिलेंगे ई-पट्टे
जेडीए अपनी योजनाओं के साथ-साथ निजी खातेदारी और गृह निर्माण सहकारी समिति की योजनाओं को ये पट्टे जारी करेगा।