बीकानेर : राजस्थान में शिक्षा विभाग की ओर से हाल ही में 260 सरकारी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है, जिसके बाद छात्रों और उनके अभिभावकों में घबराहट फैल गई है। यह स्कूल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्थित थे, जहां कम छात्र संख्या के कारण इन्हें बंद किया गया। इस निर्णय का असर खासकर ग्रामीण इलाकों में देखा गया है, जहां बच्चों को अब दूसरी जगहों पर शिक्षा प्राप्त करने के लिए भेजा जाएगा।
बीकानेर जिले में स्थित एक सरकारी गर्ल्स स्कूल ने हाल ही में सुर्खियां बटोरीं, क्योंकि इस स्कूल को भाजपा विधायक के घर के सामने मर्ज कर दिया गया है। यह स्कूल अब उस क्षेत्र में लगभग 300 छात्राओं को पढ़ाई दे रहा है, जो पहले अलग-अलग स्थानों पर शिक्षा प्राप्त करती थीं। मर्ज किए गए स्कूल का असर यहां की छात्राओं पर पड़ा है, क्योंकि उन्हें अब एक ही स्थान पर शिक्षा मिल रही है, जो कुछ हद तक उनके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
इस बदलाव को लेकर कई अभिभावकों ने अपनी चिंता जताई है, क्योंकि मर्ज किए गए स्कूल में छात्रों की संख्या बढ़ जाने से शिक्षा का स्तर प्रभावित हो सकता है। वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मर्ज करने का फैसला छात्रों की सुविधा और संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए लिया गया है, लेकिन स्कूलों के बंद होने से शिक्षा पर असर तो पड़ेगा ही।
अब छात्रों को पढ़ाई के लिए अन्य स्कूलों में भेजने का फैसला लिया गया है, जो उन्हें पहले से अधिक दूर होंगे। हालांकि, विभाग ने यह भी बताया कि कुछ स्कूलों को फिर से खोलने की योजना बनाई गई है, जिससे यह परेशानी कुछ हद तक दूर हो सके।
प्रदेश में सरकार द्वारा स्कूलों के बंद करने के बाद शिक्षकों के लिए भी नई चुनौतियां उत्पन्न हो गई हैं। कई शिक्षकों को अब दूसरे स्कूलों में अपनी सेवाएं देने के लिए भेजा गया है।