यह स्क्वायर डॉ. रामन्ना की विरासत और भारत की वैज्ञानिक प्रगति को आकार देने में परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) और आरआरकैट की भूमिका appreciate करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह प्रस्ताव न केवल कार्यक्षमता और सौंदर्य को ध्यान में रखता है, बल्कि विज्ञान और मानवता की सेवा के मूल सिद्धांतों को भी प्रतिबिंबित करता है।
इस परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य मुख्य द्वार के पास होने वाली जाम की समस्या को हल करना था। डिजाइन में सड़क की चौड़ाई बढ़ाई गई है. जिससे यातायात के प्रवाह को सुगम और बेहतर बनाया आ सके। सुरक्षा और समावेशिता को प्राथमिकता देते हुए, डिज़ाइन में पैदल यात्रियों के लिए क्रॉसिंग की सुविधा शामिल है
केंद्रीय द्वीप विज्ञान और मानवता को समर्पित एक श्रद्धांजलि
इस परियोजना का मुख्य आकर्षण केंद्रीय द्वीप है, जिसे शहर स्तर पर परमाणु ऊर्जा विभाग की उपस्थिति के प्रतीक के रूप मैं देखा गया है। इसमें परमाणु संरचना की कलात्मक अभिव्यक्ति दिखाई गई है, जिसमें केंद्र में न्यूक्लियस और उसके चारों और घूमते हुए इलेक्ट्रॉन हैं। न्यूक्स्यित को पृथ्वी के एक प्रतिरुप के रूप में दर्शाया गया है, जो “Science for humanity” को दर्शाता है
चारों ओर घूमते हुए इलेक्ट्रॉन आरआरकेट के कर्मचारियों की समर्पित और अथक प्रयासों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो समाज के लाभ के लिए विज्ञान की प्रगति में योगदान देते हैं। इसके अतिरिक्त, भारत की एकमात्र 2.5 Gev सिकोट्रॉन सुविधा का प्रतिरूप भी राउंडअबाउट में शामिल किया गया है. जो आरआरकेट की वैज्ञानिक उपलचिधयों को दर्शाता है।
एक सामुदायिक प्रतीक का निर्माण यह राउडअबाउट केवल एक बुनियादी ढांचा नहीं है. यह आरआरकैट समुदाय के लिए एकता का प्रतीक है। यह निवासियों और कर्मचारियों के बीच साझा पहचान और गर्व की आवना को प्रोत्साहित करता है, जिससे सामूहिक उपलब्धियों का एहसास होता है। ऐसी संरचनाएं जिज्ञासा को बढ़ावा देती है, और खासकर बच्चों के बीच रचनात्मकता को प्रज्वलित करती है, जिससे वे कला और विज्ञान से गहरे जुड़ते हैं।