वाराणसी में HMPV (ह्यूमन मेटापनेमोवायरस) वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के बाद अस्पतालों में भर्ती बच्चों की निगरानी को सख्त किया गया है। विशेष रूप से, एनआईसीयू (नियोनेटल इंटेन्सिव केयर यूनिट) और पीआईसीयू (पेडियाट्रिक इंटेन्सिव केयर यूनिट) में भर्ती बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। डॉक्टर बच्चों के अभिभावकों को भी इस वायरस के खतरे से अवगत कराते हुए सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार से बचाव की सलाह दे रहे हैं।
बीएचयू के बाल रोग विभाग के वार्डों में 15 से अधिक बच्चे भर्ती हैं, वहीं मंडलीय अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में भी 20 बेड में से अधिकतर भरे हुए हैं। अस्पतालों की ओपीडी में सर्दी, खांसी, और जुकाम से प्रभावित 100 से अधिक बच्चों की संख्या रोज बढ़ रही है।
मंडलीय अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सीपी गुप्ता का कहना है कि सर्दी, खांसी और बुखार के कारण बच्चों में निमोनिया का खतरा बढ़ सकता है, विशेषकर उन बच्चों के लिए जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
डॉ. एससी सिंह, जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ, ने कहा कि इस बदलते मौसम में 1 साल से छोटे बच्चों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। बीएचयू में गुरुवार को इस संदर्भ में एक गाइडलाइन बनाने को लेकर बैठक आयोजित की गई।