गंगापुर ग्रामीण (राधा रानी शर्मा, ब्यूरो चीफ) – शयारोली गांव में महादेव प्रसाद शर्मा (अध्यापक) द्वारा मंदिर परिसर में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के अंतिम दिन राष्ट्रीय प्रवक्ता भागवत भूषण, ज्योतिष वास्तु भास्कर एवं यज्ञाचार्य पंडित विष्णु शरण शास्त्री महाराज ने कृष्ण-सुदामा की मित्रता का सुंदर वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सात दिन तक कथा नहीं सुन सकता है, तो कम से कम सातवें दिन अवश्य सुननी चाहिए। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया गया, जिनमें सुभद्रा हरण, देवकी के छह पुत्रों की वापसी एवं सुदामा चरित्र प्रमुख रहे।
🔹 सुदामा चरित्र का मार्मिक प्रसंग:
सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र भगवान श्रीकृष्ण से मिलने द्वारिका पहुंचे। द्वारपालों ने उन्हें भिक्षुक समझकर रोका, लेकिन जब उन्होंने कृष्ण का नाम लिया, तो भगवान श्रीकृष्ण स्वयं दौड़कर द्वार तक आए और सुदामा को गले से लगा लिया। यह दृश्य देखकर उपस्थित भक्तजन भाव-विभोर हो गए और श्रीकृष्ण-सुदामा की झांकी पर पुष्प वर्षा की।
श्रोताओं ने कथा के माध्यम से सच्ची मित्रता एवं भक्ति का सार ग्रहण किया।