टोंक: राजस्थान के टोंक जिले के समरावता गांव में 13 नवंबर 2024 को हुए थप्पड़ कांड ने राजनीति का एक नया मोड़ लिया है। देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव के दौरान मतदान का बहिष्कार कर रहे ग्रामीणों ने एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ मारा था, जिसके बाद नरेश मीणा की गिरफ्तारी हुई। इस कांड के बाद नरेश मीणा के समर्थकों का गुस्सा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मंत्री किरोड़ी लाल मीणा दोनों पर फूट पड़ा है। उनका कहना है कि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने जेल में आकर वादा किया था कि वह जल्दी नरेश मीणा और उनके समर्थकों को रिहा कराएंगे और समरावता गांव में हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाएंगे, लेकिन उन्होंने यह वादा नहीं निभाया।
समर्थकों का कहना है कि न तो मुआवजा मिला और न ही न्यायिक जांच के आदेश दिए गए। नरेश मीणा के समर्थक और टोंक जिले के भरनी से सरपंच मुकेश मीणा ने कहा कि मंत्री और सरकार ने लोगों से जो वादा किया था, वह पूरा नहीं हुआ, और इसके परिणामस्वरूप नरेश मीणा को 55 दिन जेल में रहना पड़ा।
समरावता कांड में कुल 62 समर्थकों में से 61 को जमानत मिल चुकी है, और अब उनकी रिहाई को लेकर एक बड़े आंदोलन की तैयारी हो रही है। मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने समरावता में जाकर ग्रामीणों से वादा किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसके चलते नरेश मीणा के समर्थकों के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है।
प्रशासनिक जांच 17 जनवरी से शुरू होने वाली है, लेकिन गांववालों की उम्मीदें अब भी कम हैं। इस कांड को लेकर टोंक में राजनीतिक हलचल तेज है और नरेश मीणा के समर्थक उनकी रिहाई के लिए आंदोलनरत हैं।