बद्दी, 7 फरवरी (सतीश जैन) – हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद परवाणू में अवैध झुग्गियों पर कार्रवाई ना होने से स्थानीय निवासियों में भारी रोष है। लोग सोशल मीडिया पर प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर सवाल उठा रहे हैं और ट्रोल कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब पूरे हिमाचल में हिमाचली लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाया जा रहा है, तो प्रवासियों द्वारा बनाई गई अवैध झुग्गियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
लोगों का आरोप है कि यह रवैया अवैध अतिक्रमण को बढ़ावा देने वाला है। इतना ही नहीं, परवाणू में कुछ रसूखदारों ने नाले को मिट्टी से भरकर कब्जा कर लिया है, और हिमूडा (हिमाचल अर्बन डिवेलपमेंट अथॉरिटी) मूकदर्शक बना हुआ है। सवाल उठ रहा है कि क्या प्रशासन और अधिकारी हाईकोर्ट से भी ऊपर हो गए हैं, जो न्यायालय के आदेशों को नजरअंदाज कर रहे हैं?
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को अवैध अतिक्रमण हटाने के सख्त निर्देश दिए थे। इसी के तहत हिमाचल के अन्य इलाकों में सरकारी भूमि से अवैध कब्जे हटाए जा रहे हैं। परवाणू में भी 5 फरवरी को अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही तय थी, लेकिन किसी कारणवश इसे टाल दिया गया। अब दो दिन बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हालात ऐसे हैं कि हिमूडा अपनी ही जमीन पर बनी अवैध झुग्गियों को नहीं हटा पा रहा है।
परवाणू के समाजसेवी सोहन राजपूत ने कहा कि पूरे हिमाचल से अवैध झुग्गियों को हटाया जाना चाहिए, क्योंकि यह न केवल राजस्व को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए असुविधा और गंदगी भी फैलाती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि झुग्गी बस्तियों में रहने वाले कई लोग अपराधिक गतिविधियों में लिप्त होते हैं, जिनका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं होता। अगर ये लोग किराए पर रहते तो मकान मालिकों के पास उनका पूरा रिकॉर्ड होता।
राजपूत ने प्रशासन से अपील की कि हिमाचल प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के आदेशों का सम्मान करे और अवैध झुग्गियों को जल्द से जल्द हटाए, ताकि राज्य में कानून-व्यवस्था बनी रहे और अपराध दर में भी कमी आए।