नई दिल्ली : विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार चुनाव प्रचार में सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए इस बार 1522 नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे। शनिवार को नामांकन पत्रों की जांच देर रात तक चली और आयोग ने 477 नामांकन पत्रों को खारिज कर दिया। 1045 नामांकन पत्र स्वीकार किए गए हैं, जिनमें से आज यानी 20 जनवरी को नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है। इसके बाद ही यह स्पष्ट होगा कि इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में कितने उम्मीदवार मैदान में होंगे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख 5 फरवरी को निर्धारित की गई है, जबकि चुनाव परिणाम की गिनती 8 फरवरी को होगी। कांग्रेस पार्टी के नेता और नई दिल्ली विधानसभा सीट से उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने कहा कि राहुल गांधी की पदयात्रा 26 जनवरी के बाद आयोजित की जाएगी। इससे पहले, यह कहा गया था कि राहुल गांधी पदयात्रा नहीं कर पाएंगे, लेकिन अब यह कार्यक्रम आगामी 26 जनवरी के बाद फिर से आयोजित किए जाएंगे।
संदीप दीक्षित ने यह भी बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी और आम आदमी पार्टी (आप) अपने बनाए हुए मुद्दों पर आपस में लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है। उनका कहना है कि कांग्रेस का मुख्य मुद्दा दिल्ली के लोगों के लिए बेहतर विकास और बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करना है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की राजनीति में कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवारों को सक्रिय रूप से प्रचारित किया है, और राहुल गांधी की पदयात्रा का आयोजन भी पार्टी के लिए एक अहम रणनीति माना जा रहा है। इसके अलावा, दिल्ली की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां जैसे आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी भी अपने-अपने मुद्दों के साथ मैदान में हैं।
इस बीच, दिल्ली के राजनीतिक माहौल में चुनावी धड़कनें तेज हो गई हैं और उम्मीदवारों की संख्या का निर्धारित होना महत्वपूर्ण होगा। 20 जनवरी के बाद पार्टीयों को यह जानकारी मिल सकेगी कि किस उम्मीदवार ने चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है और किसने नामांकन वापस लिया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की दिशा और स्थिति पर आने वाले दिनों में और भी महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आ सकते हैं।