मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात सहित पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने उस एक महीने की बच्ची के परिवार से मुलाकात की जिसकी छापेमारी के दौरान कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी के पैर के नीचे आने से मौत हो गई थी। वामपंथी पार्टी ने कहा कि इस घटना में शामिल सभी पुलिसकर्मियों की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए। पुलिस साइबर धोखाधड़ी के एक मामले में एक आरोपी को पकड़ने के लिए शनिवार को नौगांवा थाना क्षेत्र में एक घर गई थी। परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने एक माह की बच्ची अलिस्बा को कुचल दिया, जो अपनी मां के बगल में चारपाई पर सो रही थी। शिशु की मौके पर ही मौत हो गई। जब बच्चे की मां ने विरोध करने की कोशिश की तो पुलिस ने कथित तौर पर उसे घर से बाहर धकेल दिया। परिवार ने यह भी दावा किया कि छापेमारी के दौरान कोई महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी।
पीड़ित परिवार से मिले पार्टी पदाधिकारी
माकपा ने एक बयान में कहा पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात, राजस्थान राज्य समिति के सचिव किशन पारिख , सुमित्रा चोपड़ा (राज्य सचिवालय सदस्य, राजस्थान राज्य समिति) और रायसा (जिला सचिव) सहित माकपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने एक महीने की अलिस्बा के परिवार से मुलाकात की, जो 2 मार्च, 2025 को पुलिस की बर्बरता से मारी गई थी।
मेरी बेटी की हत्या कर दी गई मुझे न्याय चाहिए
बच्ची की मां रायजादा खान ने संवाददाताओं से कहा मेरी बेटी की हत्या कर दी गई, मुझे न्याय चाहिए। मैं अपनी बेटी के साथ चारपाई पर सो रही थी तभी पुलिसकर्मियों ने मुझे खींचकर कमरे से बाहर भेज दिया। उन्होंने मेरे पति को भी बाहर खींच लिया पुलिसकर्मियों ने मेरी बेटी के सिर पर पैर रखा और उसे मार डाला। बच्ची के पिता इमरान ने कहा, मेरा किसी भी ऑनलाइन धोखाधड़ी से कोई संबंध नहीं है। पुलिस ने मेरा फोन छीन लिया वे बिना किसी पूर्व सूचना के आए और मेरी बेटी को मार डाला।
दो हेड कांस्टेबल और तीन कांस्टेबल लाइन हाज़िर
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तेजपाल सिंह ने बताया इस मामले में दो हेड कांस्टेबल और तीन कांस्टेबल को पुलिस लाइन भेज दिया गया है साइबर अपराध के लिये इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन की लोकेशन पीड़ित के घर पर मिली थी लेकिन मोबाइल वहां नहीं मिला।