शंभू बॉर्डर पर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के एक किसान ने केंद्र सरकार की नीतियों से परेशान होकर सल्फास निगल लिया। उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे राजपुरा के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। किसान रेशम सिंह, जो पंजाब के तरनतारन के गांव पहू का निवासी है, ने इस कदम को केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की नीतियों के विरोध में उठाया।
इस घटना के बाद मोगा में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 30 से 40 हजार किसान जुटेंगे। इस महापंचायत में हरियाणा, राजस्थान और यूपी से भी किसान नेता शामिल होंगे।
इसके साथ ही, डल्लेवाल के अनशन की स्थिति भी नाजुक बनी हुई है। उनका इलाज जारी है, और उनकी हालत में सुधार की कोई संभावना नहीं दिख रही।
किसान नेताओं ने 10 जनवरी को मोदी सरकार के पुतले जलाने और 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने की योजना बनाई है, ताकि एमएसपी गारंटी कानून के मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई जा सके।